कुमार, अनानास
(2018)
शिक्षक और शिक्षा दर्शन.
Paathshaala Bhitar aur Bahar, 1 (1).
pp. 27-30.
Abstract
आज की स्कूली शिक्षा की परिस्थिति यों में शिक्षक की कमजोर तैयारी एक अहम मसला है।
इसे आम तौर पर शिक्षक–शिक्षा की अप्रासंगि कता एवं सन्दर्भ हीनता से जोड़ कर देखा जाता
है। इस पर बहुत चर्चा भी होती है। यह आलेख डॉ. के.एल. श्रीमाली, हर्ब ट स्पेंसर, आचार्य
बि नोवा भावे के शिक्षा सम्बन्धी दार्शनि क वि चारों की रोशनी में लि खा गया है। शिक्षक–शिक्षा
के प्रमुख आधार क्या हैं? एक शिक्षक को शिक्षा दर्शन की समझ होना क्यों जरूरी है? यह
समझ उन्हें अपने अध्या पन कार्य को बेहतर बनाने में कि स तरह से मदद करती है? आलेख
में ऐसे ही कुछ सवालों पर वि चार कि या गया हैं । सं.
Actions (login required)
 |
View Item |