उत्तर-आधुनिक ता, वास्तवि कता और इति हास की पाठ्यपुस्तकें : क्या मराठों ने पूरे भारत पर राज किया था?
मदान, अमन (2018) उत्तर-आधुनिक ता, वास्तवि कता और इति हास की पाठ्यपुस्तकें : क्या मराठों ने पूरे भारत पर राज किया था? Paathshaala Bhitar aur Bahar, 1 (1). pp. 69-79.
|
Text
- Published Version
Download (529kB) | Preview |
Abstract
कि स ज्ञान को सही मानें, कि स हद तक सही मानें या फि र पूरा गलत मानें— यह समझना एक आसान प्रक्रिया नहीं है। अमन मदान का यह लेख ज्ञान रचना के उद्यम में उत्तर आधुनि कतावाद के योगदान की पड़ताल करते हुए, इसकी कठोर और नरम अवधारणाओं की चर्चा करता है। लेख बताता है कि इन दोनों में क्या फर्क है। साथ ही यह रेखांकि त करता है कि ज्ञान के सन्दर्भ में आगे बढ़ने में हमें उत्तर–आधुनि कतावाद की नरम अवधारणा से मदद मि ल सकती है। सं.
Item Type: | Articles in APF Magazines | ||
---|---|---|---|
Authors: | मदान, अमन | ||
Document Language: |
|
||
Subjects: | History & geography | ||
Divisions: | Azim Premji University > University Publications > Pathshala Bheetar Aur Bahar | ||
Full Text Status: | Public | ||
URI: | http://publications.azimpremjifoundation.org/id/eprint/2203 | ||
Publisher URL: |
Actions (login required)
![]() |
View Item |
Altmetric
CORE (COnnecting REpositories)