अंग्रेज़ी का ‘अलौकिक साम्राज्य’

दुबे, अभय कुमार (2019) अंग्रेज़ी का ‘अलौकिक साम्राज्य’. Paathshaala Bhitar aur Bahar, 1 (2). pp. 14-25.

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Abstract

ग्रेट ब्रिटेन में भाषाई रणनीति कारों ने अन्य यूरोपीय भाषाओं के मुकाबले अंग्रेज़ी को कमतरी के एहसास से उबारने के लि ए अट्ठारहवीं सदी में सुनि योजि त रूप से काम कि या। इसके साथ ही उन्होंने अंग्रेज़ी भाषा को अपनी साम्राज्यवादी वि चारधारा का औज़ार बनाया। उसका मानकीकरण कर एक ऐसी भाषा के रूप में गढ़ा जो उपनि वेशवाद के पतन के बाद भी अपना एक अलौकि क साम्राज्य कायम रख सके। जि सका परि णाम है कि सांस्कृति क और सामाजि क मानस पर अंग्रेज़ी भाषा और उसके साहि त्य की हुकूमत बरक़रार है। अपने इस शोधपरक आलेख में अभय कुमार दुबे बताते हैं कि अट्ठारहवीं सदी में ब्रिटेन ने देश के भीतर बोली जाने वाली लैटि न और नॉर्म न फ्रेंच को प्रति स्थापि त कर एक तरह से देश में आन्तरि क उपनि वेश कायम कि या। अंग्रेज़ी का अलौकि क साम्राज्य ब्रिटेन के भीतर और बाहर दोनों जगह वि स्तृत है। सं.

Item Type: Articles in APF Magazines
Authors: दुबे, अभय कुमार
Document Language:
Language
Hindi
Uncontrolled Keywords: English, English language, English language in India
Subjects: Language
Divisions: Azim Premji University > University Publications > Pathshala Bheetar Aur Bahar
Full Text Status: Public
URI: http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2217
Publisher URL:

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