दुबे, प्रशांत कुमार
(2019)
होशंगाबाद विज्ञान : सीख, समझ और अवसरों का पिटारा.
Paathshaala Bhitar aur Bahar, 1 (2).
pp. 67-71.
Abstract
लेख के दो भाग हैं। पहले भाग में लेखक हाल ही में हुए अपने एक अनुभव का ज़ि क्र
करते हैं। वे बताते हैं कि बच्चों को व्यस्त रखने के मक़सद से उन्होंने उनके साथ एक प्रयोग
कि या और इस प्रयोग को करते हुए बच्चे सोचने की प्रक्रिया में शुमार हो गए। बच्चों को ऐसे
प्रयोग में मशगूल देख लेखक अपने अतीत में चले जाते हैं और यहीं से लेख का दूसरा भाग
शुरू होता है। अपनी स्कूली शि क्षा के दिनों को याद करते हुए लेखक बताते हैं कि उन दिनों
शुरू कि ए गए वि ज्ञान शि क्षा के एक कार्यक्रम ने वि ज्ञान की कक्षाओं को कैसे बदल दिया।
लेकि न यह ना तो ज़्याद ा स्कूलों तक पहुँचा ना ज़्याद ा समय तक चल पाया। वे उन कुछ
कमियों की बात करते हैं जि न पर
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