नौटियाल, सुन्दर
(2019)
बच्चों को प्रश्न पूछने से रोकिए !
Paathshaala Bhitar aur Bahar, 1 (2).
pp. 87-92.
Abstract
आमतौर पर कक्षा में उन्हीं बच्चों को अच्छा माना जाता है जो बि ना कुछ पूछे–कहे शिक्षक
के निर् देशों का पालन करते हैं। बच्चों को प्रश्न करने की आज़ादी उनके अध्यापक से जुड़ने,
सहज होने और सीखने के मौक़ों का तो वि स्ता र करती ही है, साथ ही अध्यापक को भी अपने
ज्ञान को वि स्ता र देने के लिए प्रेरि त करती है। लेखक का कहना है कि चुनना आपको ही है
: आप एक रूढ़िबद्ध शिक्षक की तरह साल–दर–साल एक ही पुस्तक को पढ़ाते हुए अपनी
शिक्षक ीय यात्रा को बस पूरा कर लेना चाहते हैं या आप इस यात्रा का मज़ा लेना चाहते हैं,
उसके हर पल को जीना चाहते हैं? सं.
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