भाषाओं के उद्गम और विकास की कहानी

चतुर्वेदी, अरुण (2019) भाषाओं के उद्गम और विकास की कहानी. Paathshaala Bhitar aur Bahar, 1 (2). pp. 123-135.

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Abstract

(पुस्तक–भारत में विदेशी लोग एवं विदेशी भाषाएँ, समाजभाषा–वैज्ञानि क इति हास . श्रीश चौधरी (2018). राजकमल प्रकाशन) श्रीश की पुस्तक इतिह ास, भाषा, संस्कृति , ज़मीन व सत्ता व इनके पारस्परि क सम्बन्ध पर तार्कि क विमर्श है। यह विमर्श भारत में स् थित है। पुस्तक कई स्रोतों का इस्ते माल करके एक लम्बे समय अन्तराल में विभि न्न लोगों, क़ौमों की भाषाओं, संस्कृति यों में हुई अन्त: क्रिया को प्रस्तुत करते हुए भाषाओं के विकास, उनमें परिवर्त न, समाज और भाषा का तानाबाना आदि मुद्दों का विश्ले षण करने का प्रयास करती है और ऐसे कई मुद्दों पर भारतीय सन्दर्भ में कई महत्त्वपूर्ण पहलू उठाती है। एक पहलू जातीय तत्वों, पहचानों व भाषाओं के पारस्परि क प्रभाव पर है। लेखक हमारे मिथ क व कहानि यों में निहि त संघर्षों व परि भाषाओं का विश्ले षण कर उनके भाषाई व अन्य पहलुओं को उभारते हैं। सं.

Item Type: Articles in APF Magazines
Authors: चतुर्वेदी, अरुण
Document Language:
Language
Hindi
Uncontrolled Keywords: Book review, Language development, Foreign language in India, Language destruction
Subjects: Language
Divisions: Azim Premji University > University Publications > Pathshala Bheetar Aur Bahar
Full Text Status: Public
URI: http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2233
Publisher URL:

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