आचार्य से गुरु, उस्ताद से पीर : भारत में पूर्व-आधुनिकता और शिक्षण का बदलता स्वरूप
सुब्रह्मण्यम, सी एन (2019) आचार्य से गुरु, उस्ताद से पीर : भारत में पूर्व-आधुनिकता और शिक्षण का बदलता स्वरूप. Paathshaala Bhitar aur Bahar, 2 (3). pp. 13-30.
|
Text
- Published Version
Download (2MB) | Preview |
Abstract
अजन्ता के हारिति शिल्प पटल के बाद हमें शिक्षण के चित्रण कुछ शता ब्दी तक विरले ही मि लते हैं। उत्तरप्रदेश से अग्नि देवता की पालकालीन (लगभग ग्यार हवीं सदी) मूर्ति है, जो वर्त मान में क्लीव लैंड संग्रहालय में सुरक्षित है (चित्र 1)। अग्नि देवता के दोनों ओर ब्रह्मचा रियों का अंकन है। सबसे ऊपर वे आग में कुछ आहुति दे रहे हैं। बीच में दोनों ओर वे अपने शिक्षक के सामने बहुत ही विनम्रता , विनय , उत्सु कता और श्रद्धा से उनकी बात ें सुन रहे हैं।
Item Type: | Articles in APF Magazines | ||
---|---|---|---|
Authors: | सुब्रह्मण्यम, सी एन | ||
Document Language: |
|
||
Uncontrolled Keywords: | Education, Education system in India, Teacher, Education system evolution, Development of education system | ||
Subjects: | Social sciences > Education | ||
Divisions: | Azim Premji University - Bengaluru > University Publications > Pathshala Bheetar Aur Bahar | ||
Full Text Status: | Public | ||
URI: | http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2238 | ||
Publisher URL: |
Actions (login required)
![]() |
View Item |