(APU), Azim Premji University
(2019)
अल्प जानकारी के माहौल में स्कूल चयन : प्रचलित अवधारणा एवं चार राज्यों में इसकी ज़मीनी हक़ीक़ त का अध्ययन.
Paathshaala Bhitar aur Bahar, 2 (3).
pp. 150-166.
Abstract
स्कूली शि क्षा के बाज़ा र–आधारि त नज़रि ए में स्कूल चयन अथवा स्कूल च्वॉइस का एक
महत्त्वप ूर्ण स्थान है। मोट ेतौर पर स्कूल चयन का मतलब होता है— स्कूल व्यवस्था को सुधारने
के प्राथमि क ज़रि ए के तौर पर सार्वजनि क पैसे से चलने वाले स्कूलों के विकल्पों की व्यवस्था
करना व उनको आगे बढ़ाना। अध्ययनों ने दि खाया है कि इस तरह के बाज़ा र–आधारि त उपाय
अमरीका जैसे देश में कारगर नहीं हुए हैं (राविच, 2010, 2013) और जि न स्कूल प्रणालिय ों में
ग़ैर बराबरिय ाँ देखने को मि लती हैं वहाँ तो और भी नहीं (ओईसीडी, 2016: 123–127)।
स्कूल चयन के विचार में यह धारणा निहि त है कि नि जी स्कूल सार्वजनि क शि क्षा व्यवस्था
के व्या वहारि क और बेहतर विकल्प हो सकते हैं। लेकि न नि जी स्कूलों से होने वाले लाभ का
जो दावा किय ा जाता रहा है वह पीसा (PISA) की हाल की रिपोर्ट में ग़लत साबि त हो चुका
है और इसका ज़िक्र दुनिय ा भर की तमाम स्कूल प्रणालिय ों में सीखने की स्थिति के बारे
में आई विश्व बैंक की रिपोर्ट में भी है (ओईसीडी, 2016: 126; विश्व बैंक, 2018: 176)। इन
रिपोर् टों से जो आनुभविक नि ष्कर्ष सामने नि कलकर आते हैं वे शि क्षा के बुनिय ादी दार्शनि क
विचारों से भी मेल खाते हैं, ख़ासतौर से इस विचार से कि शि क्षा कोई बि कने वाली चीज़
नहीं है (विंच, 1996)।
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