क्या हम फ्रंटलाइन के योद्धा नहीं हैं? : कोविड-१९ के दौरान ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे स्वास्थ्य सेवाकर्यों के अनुभव

Azim Premji University, (APU) (2021) क्या हम फ्रंटलाइन के योद्धा नहीं हैं? : कोविड-१९ के दौरान ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे स्वास्थ्य सेवाकर्यों के अनुभव. Project Report. Azim Premji University, Bengaluru.

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Abstract

‘क्या हम फ्रंटलाइन योद्धा नहीं हैं’? यह एक सामुदायिक स्वास्थ्यकर्मी का सवाल है| कोविड-१९ महामारी के दौरान जब जमीनी स्तर पर काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मी डट कर काम कर रहे थे, तभी मई २०२० में आयोजित एक वेबिनार में एक स्वास्थ्यकर्मी ने यह सवाल पूछा| यह सवाल अन्य कई स्वास्थ्यकर्मियों का भी है जो महामारी के दौरान जान का जोखिम उठाकर समुदाय को सुरक्षित रखने के लिए काम कर रहे थे| फिर भी यह साफ़ है कि उनके योगदान को पर्याप्त मान्यता नहीं मिली है| इस संकलन का विचार सामुदायिक स्वास्थ्यकर्मियों की आवाज को मजबूत करने की ज़रूरत को महसूस करते हुए आया| वेबिनार के दौरान स्पष्ट हुआ कि ऐसे अनुभवों को साझा करने के लिए मंच तो कम हैं लेकिन सहयोग जुटाने और सीख पाने के कई अवसर जरूर उपस्थित हैं|

Item Type: Monograph (Project Report)
Authors: Azim Premji University, (APU)
Document Language:
Language
Hindi
Uncontrolled Keywords: COVID-19, Pandemic, Frontline warriors, Health workers, ASHA program, Health support
Subjects: Technology > Medicine & health
Divisions: Azim Premji University > University Publications > Report
Full Text Status: Public
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URI: http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2770
Publisher URL:

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