सिंह, गुरबचन
(2021)
पटक चश्मा.
Paathshaala Bhitar aur Bahar, 3 (8).
pp. 112-114.
ISSN 2582-4836
Abstract
बहुत ही सुचिन्तित और व्यवस्थित पत्रिका का प्रकाशन किया जा रहा है। हिन्दी भाषा में इस
तरह की शोध–आधारित पत्रिकाओं का अभाव है। इस पत्रिका की सबसे अच्छी बात यह लगी
कि शोध करने वालों मेंसिर्फ़ विश्वविद्यालय की दीवारों में बन्द लोग न होकर स्कूलों के शिक्षक और
बच्चे भी शामिल हैं। इससे चिन्तन और शोध का दायरा बढ़ा है। सन्दर्भों में एकरूपता का अभाव है
और कई लेखों में और बेहतर सम्पादन की भी ज़रूरत है। बाक़ी एक अच्छी पत्रिका के लिए बधाई।
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