शिवशरण और उसकी मोटर कार

नौटियाल, सुन्दर (2018) शिवशरण और उसकी मोटर कार. Paathshaala Bhitar aur Bahar, 1 (1). pp. 80-87.

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Abstract

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा–2005 में सीखना और ज्ञान के सन्दर्भ में वि चार रखते हुए कहा गया है कि बच्चे अपने आसपास की दुनिय ा से बेहद सक्रिय रूप से जुड़े रहते हैं। वे खोजबीन करते हैं, प्रतिक् रिया करते हैं, चीज़ों के साथ कार्य करते हैं, चीज़ें बनाते हैं और अर्थ गढ़ते हैं। इस आलेख में एक वि द्यार् थी द्वारा सोलर ऊर्जा से चलने वाली मोटर कार बनाने का वि वरण, उपर्युक्त कथन को बच्चों की दुनिय ा में देखने का अवसर देता है। यह वि वरण एक अध्या पक का वि ज्ञान शिक्षण अनुभव है जि समें एक बच्चे के अपनी खिलौना कार को तोड़ने, तोड़ कर जोड़ने, कल–पुर्जे खोलने, उनकी कार्यविधि समझने की स्वा भावि क जि ज्ञासा को अभि व्यक्ति करने का प्रयास किय ा गया है। इस प्रयास में शिक्षक द्वारा नि रन्तर वि द्यार् थी की खोजी प्रवृत्ति और रचनात्मकता को प्रोत्साहि त करने की पहल दिखाई देती है, जो वि ज्ञान शिक्षण की पढ़ाई का एक बुनिय ादी काम है। सं.

Item Type: Articles in APF Magazines
Authors: नौटियाल, सुन्दर
Document Language:
Language
Hindi
Uncontrolled Keywords: Education, Science education
Subjects: Social sciences > Education > Science education
Divisions: Azim Premji University > University Publications > Pathshala Bheetar Aur Bahar
Full Text Status: Public
URI: http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2204
Publisher URL:

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